हम सुनिश्वित होना चाहते हैं कि विधायक अपनी मर्जी से होटल में हैं: सुप्रीम कोर्ट

 


हम सुनिश्वित होना चाहते हैं कि विधायक अपनी मर्जी से होटल में हैं: सुप्रीम कोर्ट


सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि वह यह सुनिश्चित होना चाहता है कि मध्य प्रदेश के 16 बाकी विधायकों अपनी इच्छा से बंगलुरु में होटल में हैं। शीर्ष अदालत ने कहा कि हम विधायकों पर विधानसभा की कार्यवाही में जाने के लिए बाध्य नहीं कर सकते लेकिन हमें यह आश्वस्त होना चाहते हैं कि ये विधायक अपनी इच्छा से निर्णय ले सके।


 

साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष से सवाल किया कि आखिर आपने 16 विधायकों के इस्तीफे को स्वीकार क्यों नहीं किया? अगर आप संतुष्ट नहीं है तो आप इस्तीफे को नामंजूर भी कर सकते थे। बुधवार को करीब साढ़े तीन घंटे की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने वृहस्पतिवार के लिए टाल दी। 

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हेमंत गुप्ता की पीठ ने कहा कि बागी विधायकों ने हलफनामा दाखिल कर खुद को याचिकाकर्ता बताया है, मानो वे रिट याचिका दायर करने जा रहे हैं। हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है। पीठ ने कहा कि यह इन(बागी विधायकों) पर निर्भर है कि वे विधानसभा में जाना चाहते हैं या नहीं व व्हिप का पालन करते हैं या नहीं। लेकिन जब आरोप यह हो कि उन्हें बंधक बनाकर रखा गया है तो हमें यह देखना होगा कि वे अनी मर्जी में होटल में हैं या नहीं। 

साथ ही पीठ ने मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष से कहा कि अगर आपने 16 विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया होता तो क्या वे खुद अयोग्य नहीं हो जाते? अगर आप सुंष्ट नहीं है तो आप इस्तीफेको नामंजूर भी कर सकते थे। पीठ ने विधानसभा अध्यक्ष से पूछा कि अगर ये विधायक वृहस्पतिवार को आपके समक्ष पेश होते हैं तो क्या आप उनके इस्तीफे पर निर्णय ले सकते हैं।

जस्टिस चंद्रचूड़ ने हालिया आदेश में विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफे पर जल्द निर्णय केलिए कहा गया था। इस पर विधानसभा अध्यक्ष की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि  अध्यक्ष केस्वविवेक पर किसी तरह प्रहार नहीं किया जाना चाहिए। सिंघवी ने कहा कि वह वृहस्पतिवार को इस बारे में बताएंगे।

वहीं बागी विधायकों की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने पीठ से कहा कि हम विधानसभा अध्यक्ष केसमक्ष पेश नहीं हो सकते। वहां हमारी सुरक्षा को खतरा है। सिंह ने कहा कि बागी विधायक सुप्रीम कोर्ट में पेश होने केलिए तैयार हैं। इस पर पीठ ने कहा कि हम समझ सकते हैं कि आप ऐसा क्यों कह रहे हैं लेकिन ऐसा करना उचित नहीं होगा।

वहीं शिवराज सिंह चौहान व अन्य भाजपा नेताओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि रजिस्ट्रार जनरल या किसी अन्य को उन विधायकों से मिलने के लिए भेजा जाए और उसका सीधा प्रसारण हो। लेकिन पीठ ने रजिस्ट्रार जनरल को बागी विधायकों से मिलने केलिए भेजने से इनकार कर दिया।